बिटजी के अनुसार, भारत अपने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) नियामक ढांचे की विस्तृत समीक्षा कर रहा है ताकि उपयोगकर्ता सुरक्षा को बढ़ाया जा सके, विदेशी क्रिप्टो प्लेटफार्मों को एकीकृत किया जा सके और G20 वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बिठाया जा सके। वर्तमान प्रणाली में व्यापक कानूनी संरचना की कमी है, जिससे 10 करोड़ से अधिक क्रिप्टो उपयोगकर्ता स्पष्ट संरक्षक नियमों, प्रकटीकरण आवश्यकताओं या तरलता सुरक्षा के बिना रह गए हैं। प्रस्तावित बदलावों में निवेशक सुरक्षा, एक्सचेंज लाइसेंसिंग, दिवालियापन प्रोटोकॉल, रिजर्व प्रूफ मेकेनिज्म और सख्त बाजार निगरानी शामिल हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उन टोकन का समर्थन करने पर जोर दिया है जो वास्तविक संपत्तियों, जैसे केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDCs) या टोकनयुक्त संपत्तियों द्वारा समर्थित हैं, जिससे एक अधिक सुरक्षित और पारदर्शी क्रिप्टो वातावरण की ओर संकेत मिलता है।
भारत ने जी20 मानकों के अनुरूप वर्चुअल डिजिटल एसेट्स कानून की समीक्षा की।
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